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Top Agriculture Companies India

Top Agriculture Companies India It's difficult to determine the "best" agriculture company in India as it can depend on various factors such as size, revenue, market share, reputation, and impact on the industry. However, here are some of the top agriculture companies in India: 1. Mahindra & Mahindra - It is a diversified conglomerate that has a strong presence in the agriculture sector. They offer a range of products and services such as tractors, farm machinery, and irrigation systems. 2. Tata Chemicals - They are a global company that offers a wide range of products including fertilizers, crop protection solutions, and seeds. 3. ITC Agri Business - It is a subsidiary of ITC Limited that offers a range of products such as wheat, spices, and fruits. 4. National Agro Industries - It is a leading manufacturer and exporter of agricultural equipment such as threshers, seed drills, and cultivators. 5. Jain Irrigation Systems - They are a global leader in irrigation techno

राजस्थान के इस खेत में उगती हैं रंग-बिरंगी सब्जियां

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राजस्थान के इस खेत में उगती हैं रंग-बिरंगी सब्जियां झालावाड़ जिले का अकलेरा कस्बा, जिसमें छोटा सा गांव है दतीला। इस गांव के 37 साल के युवा किसान जयेंद्र सिंह तंवर चर्चा में हैं। जयेंद्र ने बिना किसी पेस्टिसाइड और केमिकल के कई तरह की रंगीन सब्जियां उगाई हैं। खास बात ये है कि ये सभी सब्जियां जैविक विधि से तैयार की गई हैं। जयेंद्र के संघर्ष और सफलता की कहानी बहुत प्रेरित करने वाली है। म्हारे देस की खेती में आज बात झालावाड़ के किसान जयेंद्र सिंह तंवर की । जयेंद्र ने बताया कि उनके दादा परंपरागत खेती ही करते थे। पिता नंद सिंह फोरेस्ट विभाग में गार्ड की नौकरी करते थे। साथ ही खेती-किसानी में दादा का हाथ बंटाया करते थे। बचपन से वे भी पुश्तैनी खेती और दूध के कारोबार से जुड़ गए। 10वीं क्लास अकलेरा से ही पास की। इसके बाद स्टेट ओपन से 12 क्लास पास कर ली। कॉलेज के एग्जाम प्राइवेट दिए और छोटे भाइयों की शादी की जिम्मेदारियों के चलते सेकेंड ईयर में पढ़ाई छोड़ दी। 2007 में जयेंद्र की शादी ममता से हो गई। ममता अब अकलेरा में ही आशा सहयोगिनी हैं। जयेंद्र ने बताया कि शादी होने के बाद नौकरियों में भाग्य आजमात

ड्रोन फार्मिंग क्या है

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       ड्रोन फार्मिंग तकनीक  ड्रोन फार्मिंग एक नई तकनीक है जो किसानों को अपनी फसलों की स्थिति को मानव इंटरफेस के माध्यम से नियंत्रित करने की अनुमति देती है। इसमें ड्रोन के उपयोग से कृषि उपकरणों द्वारा संग्रहित डेटा का उपयोग करके फसलों की स्थिति को नियंत्रित किया जाता है। ड्रोन फार्मिंग के द्वारा किसानों को फसलों की स्थिति की जानकारी मिलती है जैसे कि फसलों की ऊंचाई, खाद की आवश्यकता, पानी की आवश्यकता आदि। इसके अलावा, ड्रोन फार्मिंग से किसानों को फसलों की संभावित फसल उत्पादन की जानकारी भी मिलती है। ड्रोन फार्मिंग के लिए ड्रोन के अलावा सेंसर्स, जैसे कि थर्मल सेंसर, बारोमीटर आदि का उपयोग किया जाता है। इन सेंसर्स के माध्यम से ड्रोन फसल के साथ बातचीत करता है और फसल की स्थिति को नियंत्रित करता है। ड्रोन फार्मिंग के द्वारा किसानों को उनकी फसलों की स्थिति के बारे में जानकारी मिलती है जो उनके फसलों को स्वस्थ रखने में मदद करती है।  ड्रोन को कृषि क्षेत्र में उपयोग ड्रोन को कृषि क्षेत्र में कई तरह से उपयोग किया जा सकता है। कुछ मुख्य तरीकों में शामिल हैं: 1. खेतों की मॉनिटरिंग: ड्रोन के साथ लगाई गई क

जैविक कृषि क्या है

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       जैविक कृषि क्या है  जैविक कृषि एक प्रकार का कृषि पद्धति है जो उर्वरक और कीटनाशकों के उपयोग के बिना पौधों को उत्पादन करने के लिए जल्दबाज़ी नहीं करती है। इसका मुख्य उद्देश्य स्वस्थ पौधों और जमीन के साथ एक संतुलित पर्यावरण बनाना होता ह जैविक कृषि में उपयोग किए जाने वाले मुख्य घटक निम्नलिखित हैं: 1. जैविक उर्वरक: जैविक उर्वरक उन उर्वरकों से बने होते हैं जो जीवों और जैविक सामग्रियों से प्राप्त किए जाते हैं। इससे खेती की मिट्टी में नित्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का संचय होता है 2. जैविक खाद: यह बासुरा, पत्तियाँ, घास, बर्फ, बारिश और अन्य स्रोतों से बना होता है। यह खाद मिट्टी को पोषण प्रदान करता है और मिट्टी के सतह पर पानी को अधिक संचयित करता है। 3. जैविक बीज: जैविक कृषि में बीजों का उपयोग किया जाता है जो जैविक खेती से प्राप्त किए जाते हैं। जैविक खेती भारत में कैसे बनाएं जैविक खेती भारत में बहुत सुधार की जा रही है। जैविक खेती बनाने के लिए निम्नलिखित कदम अपनाए जा सकते हैं: 1. जैविक खेती के लिए सही भूमि का चयन करें। उपयुक्त भूमि के चयन से फसल के उत्पादन में अधिक

ड्रेगन फ्रूट की खेती से भारत में कमाए लाखो

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         ड्रेगन फ्रूट की खेती  ड्रैगन फ्रूट या ड्रैगन फ्रुट एक ऐसा फल है जो एक जंगली प्रजाति से उत्पन्न हुआ है और अब यह फल विभिन्न भागों में खेती किया जाता है। ड्रैगन फ्रूट के पेड़ आमतौर पर कम नाटे वाले होते हैं, जो लम्बे, घने और बड़े होते हैं। ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के लिए उपयुक्त जलवायु की आवश्यकता होती है। यह फल उष्णकटिबंधीय और उमसद्योगी जलवायु में अधिक सफलता से उत्पन्न होता है। इसके अलावा, उपयुक्त जमीन और पानी की आपूर्ति भी आवश्यक होती है। ड्रैगन फ्रूट को उत्पादन के दौरान अच्छी तरह से समझें और समय-समय पर समझौतों के साथ बीमारियों और कीटाणुओं से बचाएं। अधिकतर देशों में ड्रैगन फ्रूट की खेती का सबसे अधिक उत्पादन चीन, वियतनाम, थाईलैंड और मलेशिया में किया जाता है ड्रैगन फ्रूट से सालाना कमाई  ड्रैगन फ्रूट से सालाना कमाई उस देश, क्षेत्र और उत्पादक से भिन्न हो सकती है जहां इसकी खेती की जाती है। उत्पादकों को विभिन्न फायदे मिलते हैं जैसे कि बिक्री के माध्यम से नकदी प्राप्ति, निर्यात के माध्यम से अधिक दर में बेचना और अधिकतम लाभ कमाना। जैसा कि मैंने पहले कहा, ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के लिए

गर्मी-बारिश ने बिगाड़ा राजस्थान की सबसे महंगी सब्जी का जायका

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            राजस्थान की सांगरी  गर्मी-बारिश ने बिगाड़ा राजस्थान की सबसे महंगी सब्जी का जायका: सांगरी एक लोकप्रिय राजस्थानी व्यंजन है जो कैर के पेड़ की सूखी फलियों से बनाया जाता है, जो भारतीय उपमहाद्वीप के मूल निवासी बबूल की एक प्रजाति है। इन फलियों को पहले धूप में सुखाया जाता है और फिर विभिन्न प्रकार के मसालों के साथ पकाया जाता है ताकि एक स्वादिष्ट और हार्दिक व्यंजन बनाया जा सके। सांगरी तैयार करने के लिए, सूखे बीन्स को पानी में कई घंटों के लिए भिगोया जाता है ताकि पकाने से पहले उन्हें फिर से हाइड्रेट किया जा सके। फिर बीन्स को लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर, जीरा और हल्दी पाउडर जैसे मसालों के साथ प्याज, लहसुन और टमाटर के साथ पकाया जाता है। पकवान आमतौर पर गर्म चपाती या रोटियों के साथ परोसा जाता है, और कई राजस्थानी घरों में एक प्रधान है। सांगरी एक पौष्टिक और स्वादिष्ट व्यंजन है, और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों जैसे पंजाब और हरियाणा में भी लोकप्रिय है। यह राजस्थान में उत्सव के अवसरों और शादियों के दौरान परोसने के लिए भी एक लोकप्रिय व्यंजन है। खेजड़ी कैर पेड़ का दूसरा नाम है, जो वही पेड़ है जो स

भारत में स्मार्ट फार्मिंग कैसे करें?

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            भारत में स्मार्ट फार्मिंग कैसे करें स्मार्ट फार्मिंग एक ऐसी तकनीक है जो कृषि के क्षेत्र में #इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और सेंसर टेक्नोलॉजी का उपयोग करती है। इससे फसलों की गुणवत्ता और उत्पादकता में सुधार होता है। भारत में स्मार्ट फार्मिंग के लिए निम्नलिखित कदम अपनाए जा सकते हैं: 1.सेंसर की स्थापना= सेंसर टेक्नोलॉजी का उपयोग करके फसलों के लिए स्थानीय मौसम के आधार पर समय से पहले विशेष रूप से निर्धारित सीमाओं में आवश्यक तत्वों की माप की जाती है। 2.सीधे किसानों तक संचार  किसानों के लिए अपनी स्मार्टफोन से संचार करने के लिए एक संदर्भ एप उपलब्ध है। इससे किसान अपनी फसलों को संबंधित डेटा के साथ मॉनिटर कर सकते हैं जैसे कि मौसम और तत्वों के स्तर।                            3.जल की बचत के लिए तकनीक:  जल की बचत के लिए स्मार्ट फार्मिंग तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, कपास के लिए स्मार्ट इरिगेशन सिस्टम जो फसल के रोपण के बाद जल बचाता है और फसलो